New Income Tax Rules- हर टैक्सपेयर के लिए आयकर से जुड़े नियमों में बदलाव लागू हो चुका है. कल से इनकम टैक्स से जुड़े कई बदलाव प्रभावी हो चुके हैं. सबसे ज्यादा चर्चा में नई टैक्स रिजीम रही है, कई तरह के टैक्स बेनेफिट भी चर्चा में हैं. आइए आज बात करते हैं आयकर से जुड़े उन नए नियमों के बारे में जो कल से प्रभावी हो गए हैं. इन नियमों ये आपको पूरे सालभर रू-ब-रू होना पड़ेगा.
डिफॉल्ट टैक्स रिजीम के तौर पर न्यू टैक्स रिजीम
टैक्स स्लैब में बदलाव!
न्यू टैक्स रिजीम के साथ 1 अप्रैल से टैक्स स्लैब में भी बदलाव हो गए हैं. अब पहले के 7 टैक्स स्लैब घटकर 6 रह गए हैं. इसमें 3 लाख तक की आय टैक्सफ्री है. पुरानी टैक्स रिजीम में ढाई लाख तक की आय टैक्स फ्री रहती है. न्यू टैक्स रिजीम के तहत-
3 से 6 लाख तक की आय—5%
6 से 9 लाख तक की आय पर—10%
9 से 12 लाख तक की आय पर—15%
12 से 15 लाख की आय पर—-20% और
15 लाख से ज्यादा की आय पर 30% टैक्स लगेगा
फाइनेंस बिल से हुआ फायदा
लेकिन इसके साथ ही न्यू टैक्स रिजीम में सेक्शन 87A के तहत एग्जम्पशन लिमिट बढ़ाकर 7 लाख तक कर दी गई है. 7 लाख तक की आय वालों को किसी तरह का टैक्स नहीं भरना होगा. इसके अलावा, फाइनेंस बिल (Finance Bill) में बदलाव के बाद 7 लाख तक की टैक्स फ्री इनकम से कुछ अधिक आय अर्जित करने पर अतिरिक्त इनकम पर ही टैक्स देना होगा.
पहले केवल ओल्ड टैक्स रिजीम में ही स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलता था. लेकिन अब न्यू टैक्स रिजीम के तहत भी 50,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिल सकेगा. 1 अप्रैल से 37% का टैक्स सरचार्ज घटकर 25% हो गया है. 5 करोड़ से ज्यादा की आय वाले टैक्सपेयर्स 25% सरचार्ज भरेंगे. इसके अलावा 1 अप्रैल से जो नियम लागू हुआ है वो यह कि गैर-सरकारी सैलरीड प्रोफेशनल्स के लिए लीव एनकेशमेंट की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 25 लाख कर दी गई है.