PAN नहीं तो FD पर लगेगा दोगुना टैक्स,जान ले इनकम टैक्स का ये नियम वरना होगा नुकसान

नई दिल्ली- PAN कार्ड एक महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट है जो हर किसी को बनवाना चाहिए. ऐसे में सरकार ने पैन को आधार से लिंक करना भी जरूरी कर दिया है. इस समय पैन को आधार से लिंक करने की डेडलाइन को बढ़ाकर 31 जून 2023 कर दिया है. लोगों का मानना है कि PAN सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए जरूरी होता है जो मोटी कमाई कर रहे होते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. PAN कार्ड सभी के लिए अनिवार्य डॉक्यूमेंट है. केंद्र सरकार इसको और जरूरी बनाने के लिए वित्त वर्ष 2020-21 के फाइनेंस बिल में एक ख़ास प्रोपजल भी दिया है. इसके अलावा एफडी के लिए भी आपके पास पैन कार्ड होना जरूरी है.

एफडी अकाउंट खोलने के लिए PAN तब जरूरी है जब आप 50,000 रुपये से अधिक या एक फाइनेंशियल ईयर में 5 लाख रुपये से अधिक का टाइम डिपॉजिट करते हैं. बता दें कि अगर आपने FD एक बैंकिंग कंपनी, सरकारी बैंक, डाकघर या गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी में कराई है तो PAN कार्ड जरूरी है.

PAN नहीं तो FD पर लगेगा दोगुना टैक्स

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 194A के अनुसार अगर एफडी पर एक साल में 10,000 रुपये से ज्यादा ब्याज मिलता है तो उस पर 10 फीसदी की दर से टीडीएस कटता है. लेकिन अगर बैंक में आपने पैन की डिटेल नहीं दी है तो यह कटौती 20 फीसदी होगी. बता दें कि सीनियर सिटीजन के लिए कुछ छूट मिली है और एफडी पर 50,000 रुपये का ब्याज टैक्स फ्री है. अगर आपको मिली ब्याज की राशि छूट सीमा के अंदर है और बैंक ने फिर भी टीडीएस काटा तो आप उसे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त क्लेम कर सकते हैं.

FD पर ऐसे कैलकुलेट होता है टैक्स

एफडी से होने वाली कमाई को इनकम टैक्स रिटर्न में हर साल आपकी टोटल इनकम में जोड़ता है. आपको भले ही उस साल ब्याज का पैसा न मिले और एफडी की मैच्योरिटी पर एकसाथ जोड़ कर बैंक पैसा दे, लेकिन इसको आपको हर साल ITR में दिखाना होगा. बैंक आपके ब्याज पर टीडीएस काटते हैं जिसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट बाद में एडजस्ट कर देता है.

अगर आपके पास 3 साल के लिए FD है, तो बैंक हर साल के लास्ट में TDS काटेगा. FD मैच्योर होने पर डिपॉजिटर को ब्याज और मूलधन दोनों मिलते हैं. इसके अतिरिक्त, DIGCI द्वारा 5 लाख रुपये तक की FD का बीमा किया जाता है.

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