नई दिल्ली- केंद्र सरकार ने ऐसे जीएसटी पंजीकरण को निरस्त करने की मंजूरी दे दी है, जिन पर रिटर्न फाइल नहीं किए जा रहे थे। जानकारी के मुताबिक, टैक्स, ब्याज और जुर्माने का भुगतान करने के बाद 30 जून तक व्यापारी अपना जीएसटी पंजीकरण निरस्त कराने के लिए आवेदन कर सकते हैं.
वित्त मंत्रालय ने इसके लिए सेंट्रल जीएसटी एक्ट में संशोधन किया है, जिसमें कहा गया है कि ऐसे बिजनेस जिनका पंजीकरण 31 दिसंबर, 2022 से पहले रद्द हो गया है और तय समय सीमा के भीतर निरस्तीकरण के लिए आवेदन करने में विफल रहे हैं, वे 30 जून,2023 तक कर ऐसा कर सकते हैं।
रिटर्न भरने के बाद ही निरस्त होगा पंजीकरण
सरकार की स्पष्ट किया गया है कि निरस्तीकरण के लिए आवेदन तब ही किया जा सकेगा, जब व्यापारी ने जीएसटी पंजीकरण रद्द होने तक का रिटर्न भर दिया हो। साथ ही ब्याज, पेनल्टी और लेट फीस का भुगतान किया हो।इसके अलावा नोटिफिकेशन में कहा गया है कि निरस्तीकरण के लिए आवेदन 30 जून तक ही करना होगा और इस तिथि को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। इसे सरकार द्वारा व्यापारियों को राहत देने के कदम के तौर पर देखा जा रहा है।
1000 रुपये देनी होगी लेट फीस
वित्त मंत्रालय ने उन पंजीकृत फर्मों के लिए 1,000 रुपये लेट फीस निर्धारित की है जो कि जीएसटीआर -10 देय तिथि पर फाइल नहीं कर पाए हैं। कानून के अनुसार, जीएसटीआर -10 उन करदाताओं की ओर से फाइल किया जाता है, जो कि अपना जीएसटी पंजीकरण रद्द करना चाहते हैं।
एक अन्य अधिसूचना के अनुसार, सरकार ने 20 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले एमएसएमई करदाताओं के लिए वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीएसटीआर-9 फॉर्म में वार्षिक रिटर्न दाखिल करने में देरी के लिए लेट फीस को भी युक्तिसंगत बनाया है।वित्त वर्ष 2022-23 में 5 करोड़ रुपये तक के कुल कारोबार वाले लोगों से प्रति दिन 50 रुपये की लेट फीस ली जाएगी। वहीं, 5 करोड़ से लेकर 20 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाली एमएसएमई के लिए यह 100 रुपये प्रति दिन है।