अकोला – अकोला जिले के मुर्तिजापुर तालुका के माना गाव में खुदाई के दौरान तीन दुर्लभ प्राचीन प्रतिमाए मिली हैं. यह प्रतिमाए रामेश्वर इंगोले नमक व्यक्ति के घर के निर्माणकार्य में किये जा रहे खुदाई के दौरान मिली। दो और प्रतिमाए मिली हैं, जिनमें जैन धर्म के 22वें तीर्थंकर अरिष्टनेमी, नेमिनाथ का भी समावेश हैं। इन मूर्तियों की विधि-विधान से पूजा की गई है और ये मूर्तियां इस समय पुलिस के अधिकार में हैं.
कल 31 मार्च को माना गांव के रामेश्वर इंगोले नमक व्यक्ति के घर जेसीबी से खुदाई चल रही थी. और इस खुदाई के दौरान पांच फीट तक खोदने के बाद यह शिला की प्रतिमाये मिलीं.इन प्रतिमाओ में एक प्रतिमा जैन धर्म के 22वें तीर्थंकर नेमिनाथ की मूर्ति है और सुरक्षा कारणों से राम मंदिर में रखी गई। माना पुलिस थाने के निरीक्षक कैलास भगत ने बताया कि इस संबंध में पुरावशेष विभाग को सूचित कर दिया गया है.
माना गाव का इतिहास
प्राप्त हुई प्रतिमाए वर्ष पुरानी हैं।माना गांव को प्राचीन काल में मणिपुर के नाम से जाना जाता था। इस गांव पर बब्रुवाना का शासन था। प्राचीन किंवदंतियाँ हैं कि बब्रुवाना ने एक युद्ध के बाद पूरे गाँव को बर्बाद कर दिया।14 मार्च 1986 को माना में उसी स्थान पर खुदाई के दौरान जैन धर्म की मूर्तियां मिली थीं। वह प्रतिमाए आज भी नागपुर के संग्रहालय में रखी हुई हैं।माना से रमेश इंगोले के दादा ने एक बार अपने पोते से कहा था कि उनके घर के नीचे एक प्राचीन मूर्ति दबी हुई है।
इसके बाद जैन समुदाय के लोगों की भनक लग गई। फिर जैन समुदाय के लोग मुर्तिजापुर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक हरीश पिंपल के पास पहुंचे। विधायकों के सामने सारे तथ्य रखे गए। पुलिस तंत्र के साथ विधायकों सहित माना में जेसीबी से खुदाई शुरू कर दी। खुदाई में 3 पत्थर की मूर्तियां मिलीं। जैन धर्म के बाईसवें तीर्थंकर नेमिनाथ यानी अरिष्टनेमी के साथ दो अन्य मूर्तियां मिली हैं। इस स्थान पर अभी भी खुदाई चल रही है।मुर्तजापुर के विधायक हरीश पिंपल ने उस जगह पर जैन मंदिर बनाने का वादा किया है जहां 3 मूर्तियां मिली हैं। उन्होंने इस जगह पर बने मकानों को फिर से दूसरी जगह बनाने का वादा भी किया है।