महाराष्ट्र में रिकॉर्ड तोड़ देगी गर्मी,IPCC ने दी चेतावनी

मुंबई– इस साल फरवरी में जितनी गर्मी पड़ी, उसने रिकॉर्ड तोड़ दिया. मार्च में जो बारिश हुई, उसने किसानों की कमर तोड़ दी. आने वाले अप्रैल-मई-जून-जुलाई के महीने में मौसम धोखा देता रहेगा. तेजी से बदलते क्लाइमेट की वजह से इस बार महाराष्ट्र के कई इलाकों में भयंकर हीट वेव का सामना करना पड़ेगा. यह चेतावनी इंटर-गवर्नमेंटल पैनेल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) ने जारी की है. आईपीसीसी की छठी मूल्यांकन रिपोर्ट में ये तथ्य सामने आए हैं.

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र एक कृषि प्रधान राज्य है और यहां के किसान खेती के लिए बहुत हद तक मानसून पर निर्भर रहते हैं. वातावरण में कोई भी बदलाव होता है तो इसका असर पानी की उपलब्धता पर पड़ता है. पानी की मात्रा बढ़ जाती है तो बाढ़ आती है, कमी होने पर सूखे का संकट सामने आता है. दोनों ही हालत में खेती प्रभावित होती है.

वातावरण में ही रहे बदलाव को ध्यान में रख कर बदलना होगा निपटने का ट्रेंड

आईपीसीसी की रिपोर्ट में क्लाइमेट चेंज का बड़ा खतरा बताया गया है. यानी इस वजह से फसलों के उत्पादन में कमी और खाद्यान्न के संकट की चेतावनी दी गई है. हाल के कुछ सालों में महाराष्ट्र ने सूखे और बाढ़, दोनों ही स्थितियों का बार-बार सामना किया है. एक बार फिर मौसम को लेकर असामान्य परिस्थिति के लिए तैयार रहने की नौबत आई है. ऐसे में समस्याएं पैदा होने के बाद जागने की बजाए पहले से ही तैयारी कर लेना सही होगा. समस्याओं से निपटने के लिए कुछ नए तरीके भी आजमाने पड़ेंगे.

बढ़ने वाला है समुद्र का जलस्तर, 1.1 मीटर से ऊपर

वातावरण में बदलाव की वजह से समुद्र का जलस्तर भी ऊपर उठने की चेतावनी दी गई है. आईपीसीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र में काफी लंबाई तक समुद्री तट फैला हुआ है. समुद्र का जल स्तर अगले चंद सालों में करीब 1.1 मीटर तक ऊपर उठने की संभावना है. धीरे-धीरे जल स्तर उठ रहा है. इससे समुद्र तटीय इलाकों में बाढ़ आने की संभावना है. समुद्री किनारों के इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण खतरे में पड़ सकते हैं.

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