सरकार ने बिल्डरों पर कसा शिकंजा, तय समय में फ्लैट या प्लॉट न देने पर ब्याज सहित लौटाना होगा रूपया

प्रयागराज-  यूपी की योगी सरकार ने आवंटियो के हितों की रक्षा के लिए नई व्यवस्था लागू की है। तय समय में भूखंड या फ्लैट न देने पर बिल्डरों को आवंटियों को जमा राशि को ब्याज सहित लौटाना होगा। आवासीय परियोजनाओं में तय समय पर फ्लैट या प्लॉट न देने वाले बिल्डरों पर शिकंजा कस गया है। उन्हें आवंटियों की जमा राशि ब्याज सहित लौटानी होगा। ऐसे 5268 मामलों में 553 बिल्डरों को आरसी जारी हो चुकी है। इनसे 1549 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली होनी है। यूपी रेरा के अनुरोध पर आवास विभाग ने सभी डीएम को आरसी के मुताबिक धनराशि वसूलने के निर्देश दिए हैं।

आवंटियों ने यूपी रेरा में की थी ‌शिकायत

एनसीआर समेत प्रदेश के सभी बड़े जिलों में फ्लैट व मकान लेने के लिए लोगों ने आवासीय परियोजनाओं में बुकिंग करा रखी है। इसके एवज में बिल्डरों के पास अग्रिम के तौर पर आवंटियों से अच्छी-खासी धनराशि जमा कराई गई थी। साथ ही बिल्डरों ने आवंटियों से अनुबंध भी किया था, जिसमें फ्लैट या प्लॉट देने के लिए समय सीमा तय की गई थी।
तमाम बिल्डरों ने तय समय पर फ्लैट व प्लॉट नहीं दिए तो आवंटियों ने यूपी रेरा में शिकायतें दर्ज कराई थी। इस आधार पर रेरा ने बिल्डरों को जमा राशि ब्याज सहित आवंटियों को लौटाने के निर्देश दिए थे।

सबसे ज्यादा एनसीआर के बिल्डर

आवास विभाग को उपलब्ध कराई गई रेरा की सूची के मुताबिक 553 बिल्डरों से 1549 करोड़, 73 लाख, 78 हजार, 959 रुपये की वसूली होनी है। इनमें सबसे ज्यादा बिल्डर एनसीआर में नोएडा और गाजियाबाद के हैं। सूची में एनसीआर के 412 और प्रदेश के अन्य जिलों के 141 बिल्डरों के नाम हैं।

 ये प्रमुख बिल्डर हैं शामिल

जिन बिल्डरों से वसूली होनी है उनमें लखनऊ के तुलस्यानी इंफ्रा वेंचर प्रा. लि., वेल्थ मंत्रा बिल्डर, अंसल प्रापर्टीज प्रा. लि., डेलीगेंट विंडर प्रा. लि., सनवर्ड रेजीडेंसी प्रा. लि., ओमेगा इन्फ्रा बिल्डर प्रा. लि. के अलावा एनसीआर के उप्पल चड्ढा डेवलपर्स प्रा. लि. अंसल प्रापर्टीज, सुपरटेक इंफ्रा प्रा. लि., जयंत्सय बिल्ड इंफ्रा, बुलंद बिल्डटेक प्रा. लि., यूनिवेरा डेवलपर्स, औरा बिल्ड वेंचर, रुद्रा बिल्डर, लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. और गायत्री हॉस्पीटलिटी प्रा. लि. शामिल हैं।

इन शहरों से संबंधित हैं सर्वाधिक मामले

यूपी रेरा में सबसे अधिक मामले लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा और वाराणसी से संबंधित हैं। साथ ही मुरादाबाद, प्रयागराज, मुजफ्फरनगर. मेरठ, बुलंदशहर, बाराबंकी, बरेली, गोरखपुर, हापुड़, हाथरस, झांसी, मथुरा, मिर्जापुर, आगरा के मामले भी इनमें शामिल हैं।

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