E-Commerce Fraud: अगर आप ऑनलाइन खरीदारी करते हैं तो आपके लिए ऑनलाइन खरीदारी पहले की अपेक्षा और भी बेहतर हो जाएगी. क्योंकि सरकार ने ई-कॉमर्स फ्रॉड से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. ग्राहकों को ऑनलाइन ठगी करने वालों से बचाने के लिए जल्द ही नए नियम जारी कर सकती है. इससे सरकार अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को विक्रेताओं की धोखाधड़ी के लिए उत्तरदायी बना सके. साथ ही ग्राहकों को ऑनलाइन होने वाली धोखाधड़ी से बचाया जा सके.
क्योंकि देश में पिछले कुछ सालों में ऑनलाइन रिटेल मार्केट में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. इससे अभी भी ई-कॉमर्स के ग्रोथ की बड़ी संभावनाएं हैं. लेकिन इससे ग्राहकों के साथ होने वाले फ्रॉड से दिक्कतें कई तरह की परेशानियां अभी भी सामने आ रही है, इसलिए सरकार ऑनलाइन होने वाली धोखाधड़ी से निपटने के लिए नए नियम ला रही है.
सरकार इन नियमों को बना रही सख्त
ऑनलाइन धोखाधड़ी से ग्राहकों को बचाने के लिए उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय ई-कॉमर्स नियमों को कड़ा करने पर काम कर रहा है ताकि ऑनलाइन रिटेल प्लेटफॉर्म को विक्रेताओं द्वारा की गई धोखाधड़ी के लिए उत्तरदायी बनाया जा सके और बिचौलियों के रूप में उनकी भूमिका के लिए “फॉलबैक देनदारी” को जोड़ा जा सके. उपभोक्ता मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) द्वारा भेजे गए इस मुद्दे से संबंधित प्रश्नों का जवाब देने के बाद नियम तैयार किए जाएंगे.
MeitY के इस नोट को उपभोक्ता मामलों के विभाग के सवालों से प्रेरित किया गया था, जो उपभोक्ता मंत्रालय का ही एक हिस्सा है. MeitY ने इस नोट के जरिए ई-कॉमर्स फर्मों को मीडिएटर के रूप में अपनी भूमिका स्पष्ट करने के लिए कहा है. ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म – या अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसे मार्केटप्लेस – मीडिएटर हैं जो खरीदारों और विक्रेताओं को जोड़ते हैं और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 79 में सुरक्षित बंदरगाह प्रावधानों द्वारा संरक्षित हैं.
सरकार ने ई-कॉमर्स फर्मों पर लगाया था जुर्माना
सरकार इस उभरती डिजिटल अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता के हितों की रक्षा करने के लिए ई-कॉमर्स नियमों के पुनर्गठन की प्रक्रिया में हैं. अगर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बेचा गया सामान दोषपूर्ण पाया जाता है, तो इस मामले में सरकार मार्केटप्लेस को जवाबदेह बनाने की योजना बना रही है. पिछले साल उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने कई ई-कॉमर्स फर्मों पर प्रेसर कुकर बेचने के लिए जुर्माना लगाया था, जो अनिवार्य आईएसआई चिह्न (ISI Mark) जैसे गुणवत्ता मानकों का पालन नहीं करते थे.