भारत में दवाई बेचने के नियम हुए सख्त, बिना फार्मसिस्ट की निगरानी के दवाई बेचना गैरकानूनी

नई दिल्ली रिटेल में मेडिकल स्टोर्स पर दवाई बेचने वालों के लिए यह खबर बहुत अहम है. क्योंकि DCGI ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलर और फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया को चिट्ठी लिख नियमों का पालन करने की निर्देश दी है. उन्होने कहा है कि यदि कोई भी रिटेलर बिना फार्मसिस्ट की निगरानी के दवाई बेचता मिला तो उसके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएl

DCGI ने किया निर्देशित 

चिट्ठी के माध्यम से ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सभी रिटेलरों को कहा है कि फार्मेसी एक्ट, 1947 के सेक्शन 42(a)और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1945 के रूल्स 65 को फॅालो करने के निर्देश दिए है. साथ ही कहा है कि बिना फार्मसिस्टों की मौजूदगी के दवाई की बिक्री करना अवैध माना जाएगा. यदि कोई भी रिटेलर ऐसा करता पाया गया तो संबंधित का लाइसेंस रद्द करने से लेकर अन्य विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित करें.

डॅाक्यूमेंट्स चल रहे मेडिकल स्टोर 

अभी तक देश में 60 फीसदी से ज्यादा मेडिकल स्टोर रिटेलर के पास फार्मासिस्टों की डिग्री तो है, लेकिन फार्मासिस्ट फिजीकली रूप से मौजूद नहीं रहता. सिर्फ उसके कागजों के आधार पर रिटेलर अपनी दुकान चला  रहे हैं. जिसके चलते सोशल मीडिया पर दवाई देखकर भी खरीदी जा रही है. जो लोगो के लिए बहुत घातक है. ड्रग रेगुलेटर ने मुंबई के IPA में राष्ट्रीय महासचिव सुरेश खन्ना की चिट्ठी का हवाला दिया है.

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