क्या होगा अगर आपके ब्लड ग्रुप की जगह दुसरे ब्लड ग्रुप का खून चढ़ा दिया गया तो..?

Blood Group- खून के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. ब्लड टेस्ट के आधार पर ही डॉक्टर हमारे शरीर में मौजूद बीमारी या अन्य मिनरल्स की मात्रा का पता लगा पाते हैं. जब किसी व्यक्ति में खून की कमी हो जाती है तो उसे उसी के Blood Group का Blood चढ़ाया जाता है. लेकिन, क्या कभी आपने यह सोचा है कि अगर किसी इंसान को गलती से गलत खून चढ़ा दिया जाए तो होगा? आखिर इसके दुष्परिणाम क्या हो सकते हैं? आइए समझते हैं.

इस तरह डिसाइड होता है ब्लड ग्रुप

हमारा खून प्लाज्मा नाम के तरल पदार्थ में लाल रक्त कोशिका, श्वेत रक्त कोशिका और प्लेटलेट्स से मिलकर बना होता है. लाल रक्त कोशिका (RBC) की सतह पर पाए जाने वाले एंटीजन की उपस्थिति या अनुपस्थिति के अनुसार ही किसी इंसान के ब्लड ग्रुप का पता चलता है. RBC के मेम्ब्रेन पर एंटीजन A और एंटीजन B, दो प्रकार के एंटीजन होते हैं. अगर खून में एंटीजन A मौजूद है तो ब्लड ग्रुप A होता है और अगर B एंटीजन मौजूद होता है तो ब्लड ग्रुप B होता है. दोनों एंटीजन के मौजूद होने पर ब्लड ग्रुप AB होता है. अगर दोनों ही एंटीजन मौजूद नहीं हैं तो फिर ब्लड ग्रुप O है.

खून चढ़ाने का काम 

अब अगर खून चढ़ाने की बात करें तो यह काम बड़ी सावधानी से किया जाता है, क्योंकि Blood की सही से जांच करना और सही से उसे दूसरे इंसांन को चढाना काफी संवेदनशील होता है. अगर किसी व्यक्ति में दूसरे ब्लड ग्रुप का खून दिया जाये तो यह उस व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. आमतौर पर किसी व्यक्ति में सही खून चढ़ाने पर भी एलर्जी हो सकती है, लेकिन एंटीबायोटिक की मदद से डॉक्टर इस स्थिति को कंट्रोल कर लेता है.

गलत खून से हो सकती है मौत

अगर अलग तरह के एंटीजन वाले ग्रुप को डालने से जिंदगी और मौत की स्थिति बन जाती है. ब्लड में अलग तरह के एंटीजन आने पर रिएक्शन शुरू होती है और सभी एकत्रित हो कर ब्लड वेसल्स को ब्लॉक कर देते है, आसान भाषा में कहें तो खून की दही जमनी शुरू हो जाती है, इससे ब्लड सर्कुलेशन रूक जाता है.

Foods For Platelets: ब्लड में प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए डाइट में इन  चीज़ों को करें शामिल - Foods increase Platelets home remedies to increase  platelet count fast ब्लड में होने लगती हैं चैन रिएक्शंस

इसके साथ ही हीमोग्लोबिन प्लाज्मा में गिरने लगता है जो पेशाब के माध्यम से गहरे ब्राउन रंग में बाहर निकलने लगता है और हीमोग्लोबिन भी बिलीरुबिन नाम के एक सब्सटांस में बदलने लगता है जिससे लोगो में पीलिया होने का बहुत डर रहता है. एक बार को इस पीलिया रोग से तो लड़ा जा सकता है, लेकिन दूसरे ब्लड ग्रुप वाले ब्लड की मात्रा बहुत अधिक होने पर इंसान की मौत निश्चित हो जाती है, क्योंकि ब्लड में कई खास तरह की चैन रिएक्शन होनी शुरू हो जाती है.

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