नई दिल्ली- रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को लगातार छठीं बार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दी. मौद्रिक नीति बैठक के बाद उन्होंने कहा कि दुनियाभर में बढ़ती महंगाई का दबाव भारत पर भी है और इस पर पूरी तरह काबू पाने के लिए एक बार फिर कर्ज की ब्याज दरें बढ़ाना जरूरी हो गया है. हालांकि, इस बार रेपो रेट में सिर्फ 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की जा रही है.
गवर्नर ने बताया कि महंगाई अगले वित्तवर्ष में भी परेशान करेगी और उसे दायरे में रखने के लिए रेपो रेट बढ़ाना जरूरी है. हालांकि, इस बार ब्याज दरों में सिर्फ 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की जा रही है और अब रेपो रेट बढ़कर 6.50 फीसदी पहुंच गया है. मई, 2022 से रेपो रेट में 2.50 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है और इस दौरान 6 बार ब्याज दरें बढ़ाई गईं. इसका सीधा असर होम, ऑटो, पर्सनल सहित तमाम तरह के लोन पर पड़ेगा और इसकी ब्याज दरें भी बढ़ जाएंगी. रिजर्व बैंक के ताजा फैसलों के बाद ईएमआई पर कितना असर होगा, इसे साधारण कैलकुलेशन के जरिये समझते हैं.
होम लोन पर कितना असर
रेपो रेट में 0.25 फीसदी की वृद्धि किए जाने के बाद बैंक भी बाहरी बेंचमार्क से जुड़े लोन की ब्याज दरें इनती ही बढ़ा देंगे. इसका मतलब हुआ कि आपका होम लोन भी 25 आधार अंक महंगा हो जाएगा. देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक एसबीआई अभी 8.90 फीसदी की शुरुआती ब्याज दर से होम लोन ऑफर कर रहा है. ताजा बढ़ोतरी के बाद बैंक का होम लोन पर ब्याज बढ़कर 9.15 फीसदी हो जाएगा.
अब मान लीजिए कि आपने 8.90 फीसदी की ब्याज दर से 30 लाख रुपये का लोन 20 साल के लिए एसबीआई से लिया है. इस ब्याज दर पर अभी तक आप 26,799 रुपये हर महीने ईएमआई चुका रहे हैं. इस तरह पूरे टेन्योर में आप ब्याज के रूप में कुल 34,31,794 रुपये चुकाएंगे. अगर आपका ब्याज बढ़कर 9.15 फीसदी हो जाता है तो अगले महीने से ईएमआई भी बढ़कर 27,282 रुपये हो जाएगी. इस तरह आपके ऊपर हर महीने 483 रुपये का बोझ बढ़ेगा और साल में 5,796 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे. इतना ही नहीं पूरे टेन्योर में आपको ब्याज के रूप में अब 35,47,648 रुपये चुकाने पड़ेंगे, जिसका मतलब है कि ब्याज का बोझ भी 1,15,854 रुपये बढ़ जाएगा.
ऑटो लोन पर कितना असर
एसबीआई अभी 8.90 फीसदी की शुरुआती ब्याज दर से ऑटो लोन ऑफर कर रहा है. अगर इसी ब्याज दर से आपने 5 साल के लिए 10 लाख रुपये का लोन लिया है तो अभी हर महीने 20,276 रुपये ईएमआई आएगी. अगर इसमें 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी होती है तो प्रभावी ब्याज दर 9.15 फीसदी हो जाएगी. इस पर अगले महीने से 20,831 रुपये की ईएमआई बनेगी. यानी आपके ऊपर 555 रुपये हर महीने का बोझ बढ़ जाएगा. इसे साल भर में देखें तो 6,660 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे.