महाराष्ट्र में केंद्रीय विद्यालय के छात्रो को अब मराठी में मिलेगी ये बड़ी राहत

मुंबई– महाराष्ट्र भर में मराठी का पेपर अनिवार्य किए जाने से दिक्कत झेल रहे सेंट्रल स्कूल के स्टूडेंट्स के लिए राहत की खबर है। स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने घोषणा की है कि दसवीं की बोर्ड परीक्षा दे रहे सेंट्रल बोर्ड के स्टूडेंट्स को मार्क की बजाय ग्रेड की सुविधा दी जाएगी। नए मराठी सिलेबस की वजह से उनके रिजल्ट पर असर न पड़े, इसलिए ऐसा किया जा रहा है। मंत्री केसरकर ने कहा कि जिन स्टूडेंट्स ने सातवीं, आठवीं या नौवीं में मराठी नहीं पढ़ी है, उनको इस पेपर में कम मार्क मिलने की आशंका बनी हुई है।
सरकार को आभास है कि ऐसे विद्यार्थियों का इसकी वजह से रिजल्ट बिगड़ सकता है, इसलिए इस बार की दसवीं की परीक्षा में उनको मार्क की जगह ‘ए-बी-सी’ ग्रेड दिए जाएंगे। ताकि उनके लिए पास होना आसान हो जाए और मराठी के कम मार्क की वजह से उनके परसेंटेज कम न होने पाएं।

स्कूली शिक्षा मंत्री ने बताया कि मराठी का जो सिलेबस केंद्रीय बोर्डों ने बनाया है, वही स्तरीय है। उसको बदलने या आसान करने की सलाह केंद्रीय बोर्डों को राज्य का शिक्षा विभाग नहीं दे सकता है। इसलिए आज जो स्टूडेंट सातवीं, आठवीं या नवीं क्लास में पहली बार मराठी पढ़ रहे हैं, उनको राहत देने के लिए अगले दो-तीन वर्षों तक मार्क की जगह ग्रेड देने का इरादा है।

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