Battery Recycling Companies Policy in Budget 2023: केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) आगामी 1 फरवरी 2023 को बजट (Budget 2023) पेश करने जा रही हैं. इस बजट में लिथियम-आयन की बैटरी रीसाइक्लिंग (Battery Recycling) व्यापार को अच्छा फण्ड दिया जा सकता है. बजट में बैटरी रीसाइक्लिंग को लेकर केंद्र की मोदी सरकार (Modi Govt) एक नीति की घोषणा कर सकती है. जानिए यह कितना रहने के आसार हैं.
बजट में आ सकती है नीति
केंद्र सरकार लगभग 3 साल की अवधि के लिए लगभग 3,500 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव बनाने पर जोर दे रही है. वही देश के कार्बन उत्सर्जन में कटौती पर अपनी अंतरराष्ट्रीय टारगेट को पूरा करने के लिए यह कदम उठाया जा सकता है. देश के अंदर इलेक्ट्रिक वाहनों को अधिक से अधिक उपयोग के लिए मोदी सरकार से केंद्रीय बजट में एक नीति की घोषणा कर सकती है. सूत्रों के अनुसार, यह नीति क्लस्टर-आधारित रीसाइक्लिंग इकाइयों पर केंद्रित होगी. जो सरकारी प्रोत्साहन के साथ बैटरी निर्माण कारखानों के पास स्थित हैं और देश में स्थापित हैं.
रीसाइक्लिंग इकाइयों की होगी पहचान
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार देश में भारतीय बेटरी रीसाइक्लिंग इकाइयां स्थापित करने वाले समूहों की पहचान करेगी. जो इस सेक्टर में काम करना चाहते है. बैटरी रीसाइक्लिंग उद्योग को केंद्र से प्रारंभिक वित्तीय सहायता की आवश्यकता है. जिससे इन उद्योगों को औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित किया जा सके.
बैटरी के घरेलू निर्माण पर होगा जोर
अगले कुछ सालो में देश में लिथियम-आयन बैटरी बड़ी संख्या में उपलब्ध होने की उम्मीद है. क्योंकि बैटरी के घरेलू निर्माण के साथ-साथ भारत में ईवी की गतिशीलता बढ़ती जा रही है. केंद्र सरकार से ग्राहकों को ख़राब बैटरी वापस करने के लिए प्रोत्साहन कर सकती है.
2030 तक इतनी होगी क्षमता
नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2022 से 2030 तक भारत में लिथियम-आयन बैटरी की संचयी क्षमता लगभग 600 GWh हो जाएगी. इन बैटरियों की तैनाती से 2030 तक 128 GWh की रीसाइक्लिंग मात्रा आ जाएगी, इसमें लगभग 59 GWh अकेले इलेक्ट्रिक वाहनों से होगी.