मुंबई– ‘पवित्र जैन तीर्थयात्रा सर्किट’ को गवर्नर भगत सिंह कोशरी और महामंदलेश्वर श्री विश्वेश्वरनंद गिरजी और पर्यटन के मुख्यमंत्री मंगल प्रभा लोधा की उपस्थिति में 7 जनवरी को राज भवन में एक कार्यक्रम में प्रस्तुत किया गया । इसके तहत राज्य में 9 प्रमुख जैन तीर्थयात्राओं की सुरक्षा और सुविधाओं के विकास के लिए कार्यक्रम लागू किए जाएंगे।
राज भवन में आयोजन इस अवसर पर मुक्ता रत्ना अनिलभाई शाह, पर्यटन विभाग के सचिव सौरभ विजय, एमटीडीसी के प्रबंध निदेशक श्रद्धा जोशी, डायमंड प्रोफेशनल सेवंतभाई शाह उपस्थित थे।
मंत्री मंगल प्रताप लोढ़ा ने कहा की कि पर्यटन विभाग की ओर से डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के जीवन से जुड़े पर्यटन सर्किट का विकास कार्यक्रम अभी -अभी किया गया है। इसके अलावा, नांदेड़ में वीर चाइल्ड डे के अवसर पर सिख समुदाय के साथ एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था। अब ‘होली जैन पिलग्रिमेज सर्किट’ कार्यक्रम किया गया है। इसमें राज्य के नौ जैन तीर्थयात्रा क्षेत्र शामिल हैं और इन क्षेत्रों, तीर्थयात्रा और सुविधाओं के विकास के लिए कार्यक्रम लागू किए जाएंगे।
महामंदलेश्वर श्री विश्वेश्वरनंद गिरिजी ने कहा कि जैन समुदाय का योगदान बहुत बड़ा है। इस समाज ने अभी भी हमारे कट्टरवाद को बनाए रखा है। उन्होंने कहा कि जैन समुदाय आध्यात्मिक विकास सहित देश के सभी क्षेत्रों में योगदान करना जारी रखेगा।
प्रमुख 9 जैन तीर्थ इलाको का समावेश
सटाना (जि. नाशिक) के श्री मांगी तुंगीजी दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र देवस्थान, शहापूर (जि. ठाणे) के मानसमंदिर (शाहपूर जैन तीर्थ), साक्री (जि. धुले ) के श्री बलसाना श्वेतांबर जैन तीर्थ, पी. ओ.- बाहुबली (जि. कोल्हापूर) येथील श्री जगवल्लभ पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर, पी. ओ.- बाहुबली (जि. कोल्हापूर) के कुम्भोज बाहुबली जैन मंदिर, वणी (ता. दिंडोरी, जि. नाशिक) के श्री अमिझरा शंखेश्वर पार्श्वाभ्युदय तीर्थ, पाबल (ता. शिरुर, जि. पुणे) के पद्म और जैन तीर्थ, पायधुनी (मुंबई) के श्री गोडीजी पार्श्वनाथ तीर्थ, शिरपूर (ता. मालेगाव, जि. वाशिम) के अंतरिक्ष पार्श्वनाथ भगवान तीर्थयात्रा का यह पवित्र जैन तीर्थयात्रा सर्किट मे शामिल है।