दिल्ली- भारत में जल्द ही हायर एजुकेशन के लिए फॉरेन यूनिवर्सिटीज के कैंपस खुलेंगे. ये किन नियमों के तहत यहां पढ़ाई कराएंगे. एडमिशन के नियम क्या होंगे, ऐसे तमाम सवालों को लेकर यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने पूरा ड्राफ्ट तैयार किया है.
न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 (NEP) में भारत की उच्च शिक्षा को ग्लोबल प्लेटफॉर्म में लाने की बात कही गई है. एनईपी के मुताबिक अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने हायर एजुकेशन के लिए फॉरेन यूनिवर्सिटीज के कैंपस को भारत में खोलने की पूरी तैयारी कर ली है. गुरुवार को यूजीसी चेयरमैन प्रो. एम जगदीश कुमार ने इसके लिए तैयार ड्राफ्ट गाइडलाइन मीडिया से साझा की. इस गाइडलाइन में फॉरेन यूनिवर्सिटीज को भारत में अपना कैंपस सेटल करने के लिए क्या क्या नियम फॉलो करने होंगे, इसके बारे में पूरी जानकारी दी गई है.
प्रो एम जगदीश कुमार ने कहा कि सबसे पहले तो फॉरेन यूनिवर्सिटीज को यहां कैंपस सेट अप करने के लिए यूजीसी का अप्रूवल लेना होगा. इस अप्रूवल के लिए उन्हें यूजीसी के सभी तय नियमों पर खरा उतरना होगा. उन कैंपस में इंडियन स्टूडेंट्स के साथ विदेशी छात्र भी पढ़ाई कर सकेंगे, लेकिन दाखिला नियमों पर उन्होंने कहा कि इसके लिए वो अपनी प्रोसेस अपना सकते हैं.
गुणवत्ता उनके मेन कैंपस जैसी ही..
वर्ल्ड की टॉप 500 फॉरेन यूनिवर्सिटीज की रैंकिंग में आने वाले संस्थानों को ही यहां कैंपस खोलने की अनुमति दी जाएगी. यहां वो रेगुलर कोर्सेज कराएंगे इसलिए उनकी फैकल्टी भी रेगुलर होंगी. वो मिडिल सेमेस्टर में नहीं छोड़ सकेंगे. इसके अलावा कैंपस में महिला सुरक्षा और रैगिंग को लेकर राज्य व यूजीसी की गाइडलाइन फॉलो करनी होगी. उन्हें भारतीय कानूनों को ही लागू करना होगा.
यही नहीं जो भी टॉप फॉरेन यूनिवर्सिटीज यहां इंडिया के कैंपस में पढ़ाई कराएंगे, उन्हें यह पुष्टि करनी होगी कि उनकी पढ़ाई की गुणवत्ता उनके मेन कैंपस जैसी ही रहे. प्रो एम जगदीश कुमार ने कहा कि फॉरेन यूनिवर्सिटीज के भारत में कैंपस खुलने के बाद हायर एजुकेशन का स्वरूप बदलेगा. छात्रों को इसका बहुत लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल फॉरेन यूनिवर्सिटीज कैंपस खोलने को लेकर तैयार ड्राफ्ट गाइडलाइन को आज पांच जनवरी को यूजीसी की वेबसाइट में दोपहर एक बजे अपलोड कर दिया जाएगा.