स्वामी नारायण संस्थान (BAPS) के प्रमुख स्वामी स्वरूपदासजी महाराज की जन्म शताब्दी कार्यक्रम रचेगा इतिहास

पीएम ने बताया- प्रमुख स्वामी जी का कहना था कि जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य सेवा ही होना चाहिए।

600 एकड़ में भव्य शहर बनाया, सारा पैसा दान का
एक महीने तक चलने वाले इस इवेंट के लिए अहमदाबाद के भीतर ही एक पूरा का पूरा शहर बसा दिया गया है। खासियत यहीं से शुरू होती है। 600 एकड़ जमीन दान की है, जिन पैसों से निर्माण हुआ है, वो भी दान के हैं। मजदूरों में ऐसे लोग शामिल हैं, जिनकी संपत्ति करोड़ों-अरबों में है।

शहर के लिए श्रमदान करने वालों में 5000 करोड़ की संपत्ति वाले अजमेरा परिवार की बहू गोराल अजमेरा भी शामिल हैं।

इवेंट के बारे में 2 बातें..

  • प्रमुख स्वामी नारायण स्वरूपदासजी का जन्म 1921 में हुआ था। उनका जन्म शताब्दी समारोह 15 दिसंबर 2022 से 15 जनवरी 2023 तक चलेगा।
  • समारोह में 15 देशों के पीएम, डिप्टी पीएम और हजारों मिनिस्टर्स शामिल हो रहे है ।

छठी पास ने किया डिजाइन

इस जगह का डिजाइन सबसे अधिक चर्चा में है। जरूरत की चीजें आपको ढूंढनी नहीं पड़तीं। खुद-ब-खुद दिखाई दे जाती हैं। डिजाइन करने वाले छठी पास श्री स्वरूपदास स्वामी दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर को भी डिजाइन कर चुके हैं। गांधीनगर के अक्षरधाम के डिजाइन में भी इनका प्रमुख योगदान था। वह कहते हैं कि उन्हें कंप्यूटर का कोई ज्ञान नहीं है। कागज पर पेंसिल से डिजाइन बनाते हैं। उनके लिए ये सबसे आसान होता है।

इस पुरे आयोजन में लोग यहां सेवाभाव से काम कर रहे हैं। इसमें कई करोड़पति भी हैं।

​​​​​​​​​​​​​​एक महीने तक चलने वाला ये इवेंट जब खत्म हो जाएगा तो इसमें लगी सारी चीजें दान कर दी जाएंगी। जिसकी जमीन है, उसे नापकर लौटा दिया जाएगा। स्वामी नारायण संस्थान के दुनिया में लाखों फॉलोअर्स हैं। इवेंट को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया जाएगा। संस्थान का दावा है कि यह दुनिया का ऐसा सबसे बड़ा इवेंट होगा, जिसकी कास्ट जीरो है। रिकॉर्ड भी तय माना जा रहा है।​​​​​​

  • संस्थान के प्रमुख स्वामी, उनका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज
  • वड़ोदरा में 7 दिसंबर 1921 को शांतिलाल का जन्म हुआ। बचपन में ही वे घर छोड़कर अध्यात्म की ओर चले गए। 1940 में वे शास्त्री महाराज के शिष्य बने। इसी दौरान उनका नाम बदलकर नारायण स्वरूपदास स्वामी रख दिया गया।
  • 1950 में शास्त्री जी महाराज ने उन्हें BAPS का अध्यक्ष नियुक्त किया। तभी से वे “प्रमुख स्वामी’ के नाम से पहचाने जाने लगे। शास्त्री महाराज के कहने पर नारायण स्वरूपदासजी ने आध्यात्मिक सफर शुरू किया।
  • नारायण स्वरूपदास के गुरु शास्त्री महाराज का 1951 में निधन हो गया। 1971 में नारायण स्वरूपदास BAPS के आध्यात्मिक प्रमुख भी बने।
  • स्वामी प्रमुख का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। भारत से बाहर सबसे ज्यादा क्षेत्रफल में बनाए गए BAPS के मंदिर के कारण मिला। यह मंदिर लंदन में डेढ़ एकड़ जमीन पर है। इसमें 26,300 पत्थरों का इस्तेमाल हुआ है। 1971 से 2000 के बीच 11 देशों में 355 मंदिर बनाने की वजह से भी स्वामी प्रमुख का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।

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