‘नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी’ (NPPA) ने मंगलवार को 127 दवाओं की कीमतों को कम करने का फैसला किया है. कैप के अंतर्गत इन 127 दवाइयों को जगह मिली है. इसके अंतर्गत कुछ दवाई की कीमतें कम होंगी. पेरासिटामोल जैसी कई दवाइयों की कीमत की लागत में कमी आई है. मेटफॉर्मिन और मॉन्टेलुकास्ट सहित कुछ दवाओं की कीमत बढ़ गई है.
127 दवाइयों की कीमत हुई कम
एनपीपीए की सूची में शामिल 127 दवाओं में पेरासिटामोल, एमोक्सिसिलिन, रबप्राजोल और मेटफॉर्मिन शामिल हैं. यह ऐसी दवाइयां हैं जिसे हम रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग करते हैं. पेरासिटामोल (650 मिलीग्राम), जो 2.3 रुपये प्रति टैबलेट के लिए बेचा जाता है. अब इसकी कीमत 1.8 रुपये तक कर दी गई है. इस साल की शुरुआत में एनपीपीए ने पेरासिटामोल के कॉम्बिनेशन फॉर्मूलेशन की कीमतों में कमी की थी. एमोक्सिसिलिन और पोटेशियम क्लैवुलनेट की कीमत भी 22.3 रुपये से घटाकर 16.8 रुपये प्रति टैबलेट कर दी गई.
जनवरी के आखिर तक नए कीमत वाली दवाइयां मार्केंट में आ जाएंगी
‘बंगाल केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन’ (बीसीडीए) के सचिव सजल गांगुली के अनुसार जनवरी के आखिर तक नई कीमत वाली दवाएं आनी शुरू हो जाएंगी. उन्होंने कहा, ‘नई कीमतों वाली दवाएं बाजार में आने में आमतौर पर एक महीने का समय लगता है. हमें अगले महीने के अंत तक नया स्टॉक मिल जाना चाहिए.’
‘ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स’ (एआईओसीडी) के महासचिव राजीव सिंघल से TOI ने खास बातचीत कि जिसमें उन्होंने बताया कि पैरासिटामोल जैसी कुछ दवाओं के दाम पहले ही सबसे कम हैं. ज्यादा यूज करने वाली दवा (एपीआई) की कीमत में कमी की वजह से दुकानदारों के पास कम ऑप्शन बचे है कि वह दवाइयों की कीमत कम करके बेचें. दवाइयों की कीमत कम होने पर उम्मीद है कि भविष्य में आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी.
डायबिटीज टाइप 2 में खाने वाली दवा की कीमत पहले हो चुकी है कम
Moxifloxacin (400mg) की कीमत में भी 31.5 रुपये प्रति टैबलेट से लेकर 22.8 रुपये प्रति टैबलेट तक की छूट दी गई है. निमोनिया जैसी बैक्टीरियल इंफेक्शन संबंधी बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली इस दवा की कीमत इस साल पहली बार कम की गई है. हालांकि, नई सूची में मेटफॉर्मिन (500mg) जैसी कुछ दवाओं की कीमत 1.7 रुपये से बढ़ाकर 1.8 रुपये कर दी गई है. पिछले साल डायबिटीज जैसी बीमारी में खाने वाली दवा मेटफ़ॉर्मिन की कीमत बढ़ाई गई थी. इसे डायबिटीज टाइप 2 में यूज किया जाता है.