हॉलमार्क के आधार पर सोने की शुद्धता की जांच की जा सकती है। भारत में मुख्य तौर पर 5 अलग-अलग कैरेट का Gold इस्तेमाल होता है।
‘हर चमकती चीज सोना नहीं होती…’ यह कहावत तो आपने कई बार सुनी होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनियाभर में रंग और कैरेट के आधार पर 15 से ज्यादा तरह का सोना पाया जाता है। भारत में यूं तो सर्वाधिक पीला सोना प्रचलित है, लेकिन दुनिया के अलग-अलग देशों में सफेद, काला, पीला, हरा, पर्पल, गुलाबी जैसे कई रंग का गोल्ड पहना जाता है।
कितने तरह का होता है सोना?
सोने की शुद्धता उसके कैरेट पर निर्भर करती है। सोने को मुख्य तौर पर 5 कैरेट कैटेगरी में बांटा गया है। सबसे पहले यह समझ लेते हैं कि कैरेट क्या होता है? गोल्ड कैरेट सोने की किसी भाग का 24वां हिस्सा होता है। इस हिस्से में देखा जाता है कि इसमें सोने के अलावा और कितनी तरह की कौन-कौन सी धातु मिश्रित हैं। उदाहरण के तौर पर 24 कैरेट सोना सबसे ज्यादा मशहूर है।24 कैरेट गोल्ड मुलायम होता है इसकी कोई ज्वेलरी नहीं बनाई जा सकती है। इसमें दूसरे धातुओं को मिश्रित करना पड़ता है। कोई सोना जितने कम कैरेट का है, उसका दाम भी उतना ही कम होगा, क्योंकि उसमें सोने के मुकाबले दूसरी धातुओं की मात्रा भी ज्यादा होती है।
5 अलग-अलग कैरेट के गोल्ड
दुनिया भर में मुख्य तौर पर 5 भिन्न प्रकार के गोल्ड कैरेट प्रचलित हैं। 24 कैरेट, 22 कैरेट, 18 कैरेट, 14 कैरेट और 10 कैरेट। 24 कैरेट सोना सबसे शुद्ध माना जाता है, लेकिन इसे अमूमन ज्वेलकरी मेकिंग में इस्तेमाल नहीं किया जाता है। 24 कैरेट शुद्ध सोना होता है। इसी तरह 22 कैरेट में 91.67% सोना होता है, बाकी दूसरे धातु मिश्रित होते हैं। 18 कैरेट में 75% सोना होता है और करीब 25% दूसरे धातु। इसी तरह 14 कैरेट में 58.3% सोना और 41.7% दूसरे धातु होते हैं।
असली सोने की पहचान कैसे कर सकते हैं?
सरकार ने सोने की गुणवत्ता और शुद्धता की पहचान के लिए मुख्य तौर पर 3 पैरामीटर बनाए हैं। पहला बीआईएस स्टैंडर्ड हॉलमार्क, दूसरा कैरेट, तीसरा 6 अंकों का कोड, जिसमें अंग्रेजी व शब्द व अंक दोनों मिले होते हैं। यह कोड हर ज्वेलरी का अलग-अलग होता है।