नई दिल्ली- भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट तय करने के लिए मौद्रिक नीति समिति की बैठक आज से शुरू हो रही है। इसके नतीजों का ऐलान 8 फरवरी को किया जाएगा। ये बैठक ऐसे समय पर हो रही है, जब हाल ही में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेड रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में वृद्धि की रफ्तार को कम किया गया है।
इस बार की बैठक में भी केंद्रीय बैंक के सामने सबसे बड़ा मुद्दा महंगाई को कम करना होगा, क्योंकि 2022 की पहली तीन तिमाहियों में महंगाई दर आरबीआई की ओर से तय किए गए महंगाई के बैंड 2-6 प्रतिशत के ऊपर रही है। हालांकि, नवंबर और दिसंबर में महंगाई दर 6 प्रतिशत के नीचे रही है।
ब्याज दरों में बढ़ोतरी संभव
समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए, हाउसिंग डॉट कॉम के ग्रुप सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी जारी रह सकती है।
पीडब्ल्यूसी इंडिया में पार्टनर और लीडर, इकोनॉमिक एडवाइजरी सर्विसेज, रनेन बनर्जी ने कहा कि यूएस फेड की ओर से 25 आधार अंक की बढ़ोतरी हुई है। महंगाई दर भी आरबीआई की ओर से तय किए गए अधिकतम स्तर नीचे है। एमपीसी के सामने ब्याज दर बढ़ाने के ज्याद विकल्प नहीं रह गए हैं। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि आरबीआई एमपीसी रेपो रेट को 25 आधार अंक बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर सकती है।
अब तक रेपो रेट में बढ़ोतरी
बता दें, 2022 में आरबीआई महंगाई को काबू करने के लिए पांच बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर चुका है। इस कारण रेपो रेट 4 प्रतिशत से बढ़कर 6.25 प्रतिशत पर आ गया है।