कोल्हापुर: सोलापुर जिले की अक्कलकोट तहसील की दस ग्राम पंचायतों ने अपनी-अपनी ग्राम सभाओं को कर्नाटक में शामिल होने का प्रस्ताव पारित किया है। यानी कि ये गांव चाहते हैं कि वे अब कर्नाटक राज्य में शामिल हो जाएं। इन पंचायतों का मानना है कि महाराष्ट्र में इनकी उपेक्षा हो रही है। साथ ही इनका विचार है कि कर्नाटक के गांवों में शामिल हो जाने से इनका विकास ज्यादा हो सकेगा। इन ग्राम पंचायतों ने सोलापुर कलेक्टर कार्यालय के माध्यम से प्रस्तुत एक आम याचिका के जरिए महाराष्ट्र सरकार से एनओसी भी मांगी है।
वहीं इसको लेकर जिलाधिकारी ने कहा कि उन्हें संकल्प और याचिका की एक प्रति प्राप्त हुई है। इसे आगे महाराष्ट्र राज्य सरकार को भेजा जाएगा।अक्कलकोट तहसील के जो गांव कर्नाटक में शामिल होना चाहते हैं। इनमें धरसंग, मंगरूल, अलगे, शावल, केगांव, हिली, कोरसेगांव, कल्लाकरजल, देविकावठे और अंडेवाड़ी शामिल हैं।
सभी न्यूज़ और महत्वपूर्ण जानकारियों से अपडेट रहने तुरंत निचे लिंक पर क्लिक कर दिव्य हिन्दी News एप डाऊनलोड करे – यहाँ क्लिक करे – Divya Hindi NEWS एप
दरअसल कुछ साल पहले भी इसी तरह की मांग देखने को मिली थी। हाल ही में कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने कन्नड़ भाषी निवासियों के बहुमत के आधार पर जाट, सोलापुर और अक्कलकोट में महाराष्ट्र के 42 गांवों पर अपने राज्य के अधिकार का दावा किया था।
सीमावर्ती गांवों की उपेक्षा का आरोप
धारसंग की सरपंच तमन्ना पाटिल ने कहा, ‘हम भारत की आजादी के 75वें साल का जश्न मना रहे हैं। लेकिन सीमावर्ती गांवों को अभी भी उपेक्षित किया जा रहा है। हमारे गांवों में सड़कों की हालत काफी खराब है। वहीं कर्नाटक के गांवों में उच्च गुणवत्ता वाले सभी बुनियादी ढांचे हैं। हमें भीमा नदी से सिंचाई के लिए नहरों के माध्यम से पर्याप्त पानी तक नहीं मिलता है। साथ ही हमारे किसानों को दिन में बिजली नहीं मिलती है। जबकि कर्नाटक में ऐसा नहीं है। धारसंग सरपंच ने कहा कि अगर महाराष्ट्र सरकार जल्द से जल्द हमारी चिंताओं को प्रभावी ढंग से दूर करने के लिए कदम उठाती है तो हम संकल्प वापस लेने के लिए तैयार हैं।